चंद्रयान 3 में कुल 10 चरण शामिल हैं। आइये समझते हैं कैसे चाँद पर पहुंचेगा हमारा रॉकेट
प्रथम चरण के तीन भाग है, लांच करना, अंतरिक्ष में ले जाना, और इसे पृथ्वी के चारों ओर ऑर्बिट के माध्यम से ऑपरेट करना
पृथ्वी के 6 चक्कर लगाने के बाद दूसरा चरण आता है, इसे लूनर ट्रांसफर फेज कहते हैं जिसमे इसकी डायरेक्शन को चन्द्रमा की तरफ मोड़ दिया जाता है
तीसरे चरण में चंद्रयान 3 को चन्द्रमा की कक्षा में भेज दिया जाएगा
इसका जो चौथा चरण है उसमे युद्धाभ्यास किया जायेगा, चाँद से लगभग 100 किमी दूर अपनी कक्षा को बढ़ाने के लिए 7-8 बार ये ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा
अब बारी है बिछड़ने की, जी हाँ पांचवे चरण में प्रोपल्शन मॉड्यूल और चंद्र मॉड्यूल एक दूसरे से अलग हो जाएंगे
6th स्टेप में यान का वेग उस दिशा में कम हो जाता है जिस दिशा में वह जा रहा है। इसके बाद 7वें चरण में लेंडिंग की तैयारी होती जिसे प्री-लेंडिंग कहते हैं।
आठवें चरण में लैंडिंग होती है और नौवें चरण में लैंडर और रोवर चंद्रमा की सतह पर पहुंचेंगे और अपना काम शुरू करेंगे
आखिरी स्टेप 10वें में 100 किमी की चंद्र कक्षा में प्रोपल्शन मॉड्यूल की वापसी का होता है
इस पूरी प्रक्रिया में और लैंडर को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने में लगभग 45 से 50 दिन लगेंगे।